". नीति निदेशक तत्व ~ Rajasthan Preparation

नीति निदेशक तत्व


नीति निदेशक तत्व 

भाग - VI

अनुच्छेद- 36 से 51

यह प्रावधान आयरलैण्ड से लिया गया है।

प्रो के टी शाह ने नीति निदेशक तत्वो के संबंध मे कहा है की यह एक ऐसे चेक की भांति है जिसका भुगतान बैंक की इच्छा पर निर्भर है।

नसीरुद्दीन के अनुसार नीति निदेशक तत्व नए वर्ष के पहले दिन के वादे है।

वी टी कृष्णमाचारी के अनुसार यह भावनाओ का कुडादान है।

अनुच्छेद 36- राज्य शब्द की परिभाषा

अनुच्छेद 37- नीति निदेशक तत्व बाद योग्य नहीं है किंतु राज्य नीतियां बनाते समय नीति निदेशक तत्व को ध्यान में रखेगा।

अनुच्छेद 38 - राज्य इस प्रकार की व्यवस्था बनाएगा जिससे लोक कल्याण की प्राप्ति हो एवं सामाजिक आर्थिक एवं राजनीतिक न्याय की प्राप्ति हुई।

अनुच्छेद 39a - सभी को आजीविका प्राप्त करने का समान अधिकार होगा।

अनुच्छेद 39b - प्राकृतिक संसाधनों का लाभ देश के अधिकतम लोगों को होना चाहिए।

अनुच्छेद 39c - आर्थिक संसाधनों का केंद्रीकरण न हो।

अनुच्छेद 39d - समान कार्य के लिए समान वेतन होगा।

अनुच्छेद 39e - किसी व्यक्ति को उसकी आयु के विपरीत कार्य नही करवाया जा सकता।

अनुच्छेद 39 f - बच्चो को शोषण से बचाव

42 वें संविधान संशोधन 1976 के अंतर्गत अनुच्छेद 39Aको जोड़ा गया जिसके अंतर्गत समान एवं निशुल्क न्याय का प्रावधान किया।

अनुच्छेद 40 - ग्राम पंचायतों की स्थापना।

अनुच्छेद 41 - राज्य बुजुर्ग, बीमार,बेकार एवं निशक्त लोगो के लिए काम, शिक्षा तथा सहायता उपलब्ध कराएगा।

अनुच्छेद 42 - न्यायसंगत मानवोचित्त - इससे आशय है की राज्य व्यक्ति के कार्य करने की परिस्थिति का ध्यान रखेगा, जैसे- 50° तापमान पर व्यक्ति कार्य कर रहा है तो कोई बात नहीं किंतु उसे पानी उपलब्ध होना चाहिए।

राज्य प्रसुति सहायता प्रदान करेगा।

अनुच्छेद 43- राज्य व्यक्ति को जीवन निर्वाह के लिए पर्याप्त वेतन उपलब्ध करवायेगा।

राज्य कुटिर उद्योगो को बढ़ावा देगा।

संविधन 42 वें संविधान 1976 के अंतर्गत अनुच्छेद 43A जोड़ा गया जिसके अंतर्गत कहा गया की उद्योगो के प्रबंधन क्रमिको की भागीदारीता होगी।

97 वे संविधान संशोधन 2012 के अंतर्गत अनुच्छेद 43B जोड़ा गया जिसके अंतर्गत राज्य सहकारी संस्था की स्थापना को बढ़ावा देगा।

अनुच्छेद 44 - समान नागरिक संहिता (Common civil code) 

2017 मे शायराबानो मामले के अंतर्गत इसी अनुच्छेद के अन्तर्गत तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित किया।

अनुच्छेद 45 - 86 वा संविधान संशोधन 2002 के अंतर्गत इस अनुच्छेद मे 6 वर्ष से कम आयु के बालको को निशुल्क प्राथमिक शिक्षा का प्रावधान किया गया मूल संविधान में किस अनुच्छेद में 6 से 14 वर्ष की आयु के बालकों को निशुल्क शिक्षा का प्रावधान था।

अनुच्छेद 46 - राज्य Sc, St व समाज के दुर्बल वर्गो को शिक्षा प्रदान करेगा।

अनुच्छेद 47 - लोगो के पोषाहार, जीवन स्तर व स्वास्थ्य मे सुधार राज्य का प्राथमिक कर्तव्य है।

राज्य एल्कोहोलिक पदार्थों पर रोक लगाएगा।

अनुच्छेद 48 राज्य कृषि व पशुपालन को व्यवस्थित करेगा।

राज्य पशु वध - गाय के वध पर रोक लगाएगा।

अनुच्छेद 48A - इसे 42 वे संविधान संशोधन 1976 के अंतर्गत जोडा गया।

पर्यावरण संरक्षण 

वन व वन्य जीवो की रक्षा

अनुच्छेद 49 - राज्य द्वारा महत्व के स्थान, स्मारक व विरासतो का संरक्षण किया जाएगा।

अनुच्छेद 50 - कार्यपालिका व न्यायपालिका पृथक होंगे।

अनुच्छेद 51 -विदेशी नीति का आधार 

राज्य अंतर्राष्ट्रीय शांति व सुरक्षा को बढावा देगा।

सभी राष्ट्रो के साथ न्यायसंगत व सम्मानजनक व्यवहार 

अंतर्राष्ट्रीय संधियों व समझौतो की पालना।

मूल कर्तव्य 

मूल संविधान मे कर्तव्यों का उल्लेख नही था।

सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिश पर 42 वें संविधान संशोधन 1976 के अंतर्गत संविधान में भाग VI A,  अनुच्छेद 51A जोड़ा गया, इसके अंतर्गत संविधान में 10 मूल कर्तव्य जोड़े गए।

1) राज्य के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह संविधान का पालन करें, उसके आदर्शो, संस्थाओं, राष्ट्रगान व राज्य ध्वज का सम्मान करे।

2) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलनों को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को ह्रदय में संजोए रखें उनका पालन करें।

3) भारत की प्रभुता, अखंडता व एकता का पालन करें उसे अक्षुण्ण रखें।

4) देश की रक्षा करें वह आव्हान करने पर राष्ट्र की सेवा करें।

5) भारत के सभी लोगों में समरूपता व समान भातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा, प्रदेश एवं वर्ग से आधारित सभी भेदभाव से परे हो तथा ऐसी प्रथाओं का त्याग करें जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध हो।

6) हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे एवं उसका परिरक्षण करें।

7) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी व वन्य जीव है, रक्षा करें उनका संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दया का भाव रखें।

8) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का पालन करें।

9) सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे व हिंसा से दूर रहे।

10) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करें जिससे राज्य निरंतर प्रयत्न और ऊंचाइयों की नई उपलब्धियों को छू ले।

वर्तमान संविधान में कुल 11 मौलिक कर्तव्य है।

86 वें संविधान संशोधन 2002 के अंतर्गत 11 मौलिक कर्तव्य जोड़ा गया

11) जो माता-पिता या संरक्षक हो वह 6 से 14 वर्ष की आयु तक के अपने बालको या प्रतिपाल्य यथास्थिति शिक्षा का अवसर प्रदान करें।

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